टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी खुश खबरी है। अब वह लाल टमाटर के अलावा काले टमाटर का भी उत्पादन कर सकते हैं। काला टमाटर अधिक मुनाफे वाली फसल साबित होगा। वहीं यह कैंसर जैसी बीमारी में भी लाभकारी हैै।सबसे पहले इसे यूरोप में तैयार किया गया था।
इंडिगो रोज के नाम से मशहूर इस टमाटर को रेड और बैंगनी टमाटर के बीजों के मिश्रण से बनाया गया है। इसके बीज ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स से भी मंगाए जा सकते हैं। 130 बीजों वाली इसकी एक पैकेट की कीमत 110 रुपए है। भारत में हिमांचल प्रदेश के सोलन जिलों में इसके बीज मिलते हैं।
इसकी खेती लाल टमाटर जैसी ही है। विशेषज्ञों की माने तो इसकी खेती के लिए गर्म क्षेत्र अधिक उपयुक्त हैं। पौधारोपन के चार सप्ताह के दौरान हल्की निराई-गुड़ाई का काम जरूरी होता है। इसकी खेती करते समय खर-पतवारों को निकाला दें। प्रत्येक सिंचाई के बाद ध्यान दें कि कहीं मिट्टी सूखी तो नहीं, अगर मिट्टी से नमी गायब है तो खुरपी की मदद से मिट्टी को ढीला करें। इस दौरान जितने भी घास-फूस हैं, उन्हें निकाल दें। जरूरत के अनुसार सिंचाई करें, लेकिन ध्यान रहे कि जल जमाव की स्थिती न होने पाएं।